गुरमेहर के सपोर्ट में विद्या बालन, कहा अभिव्यक्ति की आजादी का आदर करना चाहिए
Jamshedpur: अभिनेत्री विद्या बालन का कहना
है कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय में जो हो रहा है, उसमें कुछ जोड़ना नहीं
चाहती हैं लेकिन महसूस करती हैं कि लोगों को दूसरों की अभिव्यक्ति की आजादी
का आदर करना चाहिए.
लेडी श्री राम कॉलेज की छात्रा गुरमेहर कौर, शहीद कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी ने अखिल भारतीय विदयार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ ऑनलाइन सोशल मीडिया अभियान चलाया था, जो वायरल हुआ. छात्रा ने यह अभियान आईसा और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में हुई हिंसा के बाद चलाया था.
20 साल की गुरमेहर ने कथित तौर पर आरएसएस समर्थित संगठन एबीवीपी से मिल रही धमकियों और ट्रॉल किए जाने के बाद खुद को कल सोशल मीडिया अभियान से अलग कर लिया.
जब अभिनेत्री से पूछा गया कि वह इस मुद्दे पर क्या सोचती हैं तो उनका कहना था, ‘‘मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहती हूं. मैं सोचती हूं कि हमें सबसे ज्यादा जिस चीज को करने की जरूरत है वह यह है कि दूसरों की अभिव्यक्ति की आजादी का आदर किया जाए.
विद्या ने आगे कहा, “मैं इसमें कुछ ज्यादा जोड़ना नहीं चाहती हूं, सबको वह अभिव्यक्त करने का अधिकार है जो वह सोचते हैं.’’ अभिनेत्री ने कहा कि हिंसा नहीं होनी चाहिए और इसे जायज ठहराए जाने के लिए कोई तर्क नहीं है.
विद्या ने ये बातें संजय चोपड़ा और नमिता रॉय घोष की किताब ‘द रॉन्ग टर्न’ के लोकार्पण के मौके पर कही. पिछले हफ्ते दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में आईसा और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी.
लेडी श्री राम कॉलेज की छात्रा गुरमेहर कौर, शहीद कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी ने अखिल भारतीय विदयार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ ऑनलाइन सोशल मीडिया अभियान चलाया था, जो वायरल हुआ. छात्रा ने यह अभियान आईसा और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में हुई हिंसा के बाद चलाया था.
20 साल की गुरमेहर ने कथित तौर पर आरएसएस समर्थित संगठन एबीवीपी से मिल रही धमकियों और ट्रॉल किए जाने के बाद खुद को कल सोशल मीडिया अभियान से अलग कर लिया.
जब अभिनेत्री से पूछा गया कि वह इस मुद्दे पर क्या सोचती हैं तो उनका कहना था, ‘‘मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहती हूं. मैं सोचती हूं कि हमें सबसे ज्यादा जिस चीज को करने की जरूरत है वह यह है कि दूसरों की अभिव्यक्ति की आजादी का आदर किया जाए.
विद्या ने आगे कहा, “मैं इसमें कुछ ज्यादा जोड़ना नहीं चाहती हूं, सबको वह अभिव्यक्त करने का अधिकार है जो वह सोचते हैं.’’ अभिनेत्री ने कहा कि हिंसा नहीं होनी चाहिए और इसे जायज ठहराए जाने के लिए कोई तर्क नहीं है.
विद्या ने ये बातें संजय चोपड़ा और नमिता रॉय घोष की किताब ‘द रॉन्ग टर्न’ के लोकार्पण के मौके पर कही. पिछले हफ्ते दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में आईसा और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी.
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