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Tuesday, 14 June 2016

एक कट के साथ रिलीज होगी ‘उड़ता पंजाब’, जानें किसने क्या कहा

एक कट के साथ रिलीज होगी ‘उड़ता पंजाब’, जानें किसने क्या कहा

एक कट के साथ रिलीज होगी ‘उड़ता पंजाब’, जानें किसने क्या कहा
मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को ‘उड़ता पंजाब’ को बड़ी राहत देते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की ओर से प्रस्तावित 13 कट को खारिज कर दिया. अदालत ने एक कट एवं तीन वैधानिक चेतावनियों (डिस्क्लेमर) के साथ फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ कर दिया है.
न्यायमूर्ति एस.सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति शालिनी पनसालकर-जोशी की खंडपीठ ने सेंसर बोर्ड को फिल्म के लिए ‘ए’ प्रमाण-पत्र जारी करने का भी आदेश दिया है. फिल्म 17 जून को रिलीज होने वाली है.
बंबई उच्च न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराने वाले फिल्म निर्माताओं के अधिवक्ता अमित नाईक ने कहा, “अदालत ने सीबीएफसी की पुनरीक्षण समिति की 13 कट की मांग को दरकिनार कर दिया और एक कट के साथ फिल्म को पास कर दिया है. जिस दृश्य को फिल्म से निकाला गया है, उसमें हीरो सार्वजनिक रूप से पेशाब करता दिखाया गया है, जिसे फिल्म से निकालने के लिए हम पहले ही तैयार हो गए थे.”
फिल्म को तीन वैद्यानिक चेतावनियां जारी करनी होंगी, ‘हम मादक पदार्थो के इस्तेमाल को बढ़ावा नहीं देते’, ‘हम गाली-गलौच वाले शब्दों को बढ़ावा नहीं देते’ और ‘हमारा मकसद किसी खास राज्य पर हमला करना नहीं है.’ साथ ही न्यायालय ने पाकिस्तान से संबंधित एक संदर्भ का भी उल्लेख किया, जिसका फिल्म निर्माता ने पालन करने पर सहमति जताई.
फिल्म के सह-निर्माता अनुराग कश्यप ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि “इस मुद्दे पर हमारा रुख सही सिद्ध हुआ. माननीय न्यायाधीश को धन्यवाद, और हमारा समर्थन करने के लिए सबको धन्यवाद.”
फिल्म के निर्देशक अभिषेक चौबे ने कहा कि उन्हें बड़ी राहत मिली है और फिल्म तय तारीख पर ही रिलीज होगी. पंजाब की कहानी पर आधारित फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ राज्य में मादक पदार्थो के खतरे से आगाह करता है.
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और विपक्ष ने राज्य में मादक पदार्थो के धड़ल्ले से बिक्री व इस्तेमाल को मुद्दा बना लिया है, जिससे अकाली दल-बीजेपी गठबंधन नाराज है.
इससे पूर्व अदालत ने कहा कि ‘उड़ता पंजाब’ में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे देश की संप्रभुता पर सवाल खड़े हों. अदालत ने सीबीएफसी को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उसके पास फिल्मों को ‘सेंसर’ करने का अधिकार नहीं है.
न्यायमूर्ति धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति पनसालकर-जोशी ने कहा कि बोर्ड के नाम (सीबीएफसी) में कहीं भी ‘सेंसर’ शब्द नहीं है और बोर्ड को संविधान और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप ही अपनी शक्तियों का उपयोग करना चाहिए.
अदालत ने ये बातें ‘उड़ता पंजाब’ की निर्माता कंपनी फैंटम फिल्म्स की ओर से दाखिल एक याचिका पर अंतिम सुनवाई के दौरान कहीं. अदालत ने कहा कि रचनात्मक अभिव्यक्ति की आजादी पर किसी तरह की रोक नहीं है. किसी फिल्मकार को निर्देशित नहीं किया जा सकता कि वह क्या बनाए और क्या न बनाए.
फिल्म तब विवादों में आ गई थी, जब भाजपा द्वारा नियुक्त सीबीएफसी के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने राजनीतिक दबाव में आकर फिल्म को कई कट के बाद रिलीज की मंजूरी देने की बात कही थी.
इसके बाद, अनुराग कश्यप ने जहां निहलानी को ‘तानाशाह’ करार दिया था, वहीं निहलानी ने आरोप लगाया था कि यह फिल्म पंजाब की छवि धूमिल करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) से पैसे लेकर बनाई गई है.
बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के बाद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “उड़ता पंजाब पर फैसला मोदी सरकार के असहिष्णुता के शासन पर जोरदार तमाचा है.”
फिल्मी दुनिया के लोगों ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि सीबीएफसी के पास फिल्म को प्रमाणित करने का अधिकार है न कि उसे सेंसर करने का.
अभिषेक चौबे निर्देशित ‘उड़ता पंजाब’ में शाहिद कपूर, आलिया भट्ट, करीना कपूर और दिलजीत दोसांझ मुख्य भूमिकाओं में हैं.
वहीं, फिल्म निर्माता महेश भट्ट ने इंडियन फिल्म्स एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन तथा फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया को सीबीएफसी के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए मुबारकबाद दी. सतीश कौशिक ने कहा कि फिल्म निर्माताओं के लिए आजादी के दरवाजे अब खुल गए हैं. वहीं करण जौहर ने कहा कि एक फिल्म निर्माता के रूप में मैं खुद को सशक्त महसूस कर रहा हूं.

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