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Friday 10 June 2016

उड़ता पंजाब पर फैसला सोमवार को, बॉम्बे HC ने कहा, 'कुत्ते का नाम बदलो'

उड़ता पंजाब पर फैसला सोमवार को, बॉम्बे HC ने कहा, 'कुत्ते का नाम बदलो'

उड़ता पंजाब पर फैसला सोमवार को, बॉम्बे HC ने कहा, 'कुत्ते का नाम बदलो' Jamshedpur: विवादों में फंसी फिल्म उड़ता पंजाब को लेकर फैसला आज नहीं आएगा. सोमवार को अब बॉम्बे हाईकोर्ट इसपर फैसला सुनाएगा. बॉम्बे हाईकोर्ट में आज सुनवाई के दौरान फिल्म में जो कुत्ते का नाम है उसे बदलने का आदेश दिया. सेंसर बोर्ड की दलील के बाद कोर्ट ने फिल्म में कुत्ते का नाम बदलने का आदेश दिया.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान फिल्म निर्माताओं की तरफ से कहा गया कि टीवी हो या सिनेमा, क्या देखना है ये लोगों को देखने दें. फिल्म रिलीज़ के लिए सर्टिफिकेट देना सेंसर बोर्ड की ड्यूटी है. ”हम किसी की पसंद पर सवाल नहीं उठा सकते हैं. आपने (सेंसर बोर्ड) कैसे किसी शब्द को किसी राज्य से जोड़कर देखा.”
इस पर सेंसर बोर्ड के वकील ने दलील दी कि जिस संदर्भ में नाम लिया गया है वो ठीक नहीं है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि फिल्म ऐसी बनाइए कि लोग 2 घंटे देख सकें. 1952 से अब तक क्या सेंसर बोर्ड सबको संतुष्ठ कर पाया है?
कुत्ते के नाम पर सेंसर बोर्ड के वकील की दलील थी कि कल हो कर जैकी चेन अपनी फिल्म में कुत्ते का नाम शाहरुख खान रख दें तो हम इसकी इजाजत नहीं दे सकते.
हाईकोर्ट में आज फिर सेंसरबोर्ड की ओर से कहा गया है कि फिल्म के लिए आम आदमी पार्टी ने पैसे दिए हैं. इस बयान को लेकर परसों फिल्म से जुड़े लोगों ने पहलाज निहलानी से माफी की मांग की थी.
जानिए, इस फिल्म से जुड़ा पूरा विवाद क्या है?
सेंसर बोर्ड उड़ता पंजाब में 89 कट यानी 89 सीन पर कैची चलाने के फैसले पर कायम है. हालांकि, सेंसर बोर्ड के फैसले का पूरा बॉलीवुड विरोध कर रहा है. निर्माता-निर्देशकों की संस्था उड़ता पंजाब के समर्थन में उतर पड़ी. अब सबकी नज़रें हाईकोर्ट के फैसले पर है.
इस पूरे विवाद के बीच सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कह दिया कि अनुराग कश्यप ने आम आदमी पार्टी से पैसे लिए हैं और सेंसर बोर्ड के वकील ने आज भी कोर्ट में ये बात दोहराई.
पंजाब में अगले साल चुनाव हैं और केजरीवाल की पार्टी पंजाब में ड्रग्स की समस्या पर चुनाव लड़ रही है. पहलाज निहलानी के आरोपों पर केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को भी घसीट लिया है.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, “आप क्या खाएँगे, क्या पहनेंगे, क्या बोलेंगे, क्या देखेंगे, क्या पढ़ेंगे – अब ये सब RSS और मोदी जी तय करेंगे.. बहुत डरावना.”
सारा विवाद सेंसर बोर्ड के फिल्म में 89 कट यानी 89 सीन पर कैची चलाने के आदेश से शुरू हुआ. ABP न्यूज के पास वो दस्तावेज हैं जिनमें साफ लिखा है कि किन सीन पर कैची चलाई गई है.
पंजाब का साइन बोर्ड फिल्म की शुरुआत से हटाओ. पंजाब, जालंधर, चंडीगढ़, अमृतसर, सहित शहरों के नाम हटाएं. पहले गाने से गाली हटाएं. दूसरे गाने से भी गाली हटाएं. मां-बहन की गालियां हटाएं. चुनाव, एमपी, एमएलए, संसद शब्द हटाएं. तीसरे गाने से आपत्तिजनक सीन हटाएं. ड्रग्स लेने के क्लोजअप शॉट हटाएं. भीड़ के सामने हीरो के पेशाब करने का शॉट हटाएं. ‘बंजर जमीन’ वाला डायलॉग हटाएं. जैकी चेन के नाम पर कुत्ते का नाम हटाए, जिसे हटाने का आदेश आज अदालत ने भी दिया. डिस्क्लेमर में ड्रग्स के खिलाफ सरकार की कोशिश को बताएं.
उड़ता पंजाब पर कैसे चली कैची?
सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलाणी की माने तो पहली कमेटी फिल्म देखकर सर्टिफिकेट तय नहीं कर पाई थी जबकि निर्माताओं के हवाले से कहा गया कि पहले 40 कट लगाने को कहा.
निर्माता फिल्म को सीधे अपील ट्रिब्यूनल ले जाना चाहते थे जिसके लिए उन्हें सेंसर बोर्ड ने चिट्ठी नहीं दी जबकि निहलाणी के मुताबिक चिट्ठी लेने आने की जगह वो मीडिया में चले गए. रिवाइजिंग कमेटी के 9 सदस्यों ने फिल्म देखकर कट लगाने और पंजाब नाम हटाने का प्रस्ताव दिया. अब फिल्म निर्माता सेंसर बोर्ड के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं हैं.
विवाद के बीच सेंसर बोर्ड के सुधार पैनल के प्रमुख श्याम बेनेगल को निर्माताओं ने फिल्म दिखाई. बेनेगल ने सेंसर बोर्ड पर तो टिप्पणी नहीं की लेकिन ये जरूर कहा कि फिल्म अच्छी बनी है.
सेंसर बोर्ड फिल्म को काट-छांट करने के लिए कह चुका है. निर्माता सरकार की संस्था अपील ट्रिब्यूनल तक नहीं पहुंचे हैं. यानी कोर्ट के फैसले से ही पता चलेगा कि उड़ता पंजाब अगले हफ्ते पर्दे पर उतरती है या निर्माताओं को सेंसर बोर्ड की बात माननी पड़ेगी क्योंकि सेंसर बोर्ड ने साफ कर दिया है कि बिना काटछांट के लिए उड़ता पंजाब का पर्दे पर आना नामुमकिन है.

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