सलमान खान के खिलाफ हथियार मामले में फैसला 18 जनवरी को
(PHOTO: AFP)
Jamshedpur: अभिनेता
सलमान खान के खिलाफ जोधपुर की एक अदालत आर्म्स एक्ट से जुड़े एक मामले में
18 जनवरी को फैसला सुनाएगी. सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने कहा, “मुख्य
न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने सोमवार को मामले की सुनवाई पूरी करने के
बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.”
18 साल पुराने इस मामले में जब फैसला सुनाया जाएगा, उस समय सलमान खान को अदालत में मौजूद रहना होगा. सलमान और उनके साथ बालीवुड के कुछ अन्य कलाकारों पर 1998 में एक-दो अक्टूबर की मध्य रात्रि को काले हिरण का शिकार करने का आरोप है. कलाकारों का दल वहां फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के लिए गया था.
सलमान पर अवैध हथियार लेकर जाने और उसका इस्तेमाल करने का आरोप है. उस हथियार के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई थी. उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत एक मुकदमा दर्ज किया गया था. राजस्थान हाईकोर्ट सलमान को चिंकारा के शिकार मामले में वर्ष 2016 की जुलाई में बरी कर चुका है.
सलमान ने हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ के समक्ष निचली अदालत के 2006 के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें चिंकारा के शिकार से जुड़े दो मामलों में एक साल और पांच साल कैद की सजा सुनाई गई थी. सलमान के साथ-साथ राज्य सरकार ने भी निचली अदालत के फैसले को विभिन्न आधार पर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
जुलाई में हाईकोर्ट ने सलमान की अपील स्वीकार करते हुए उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था और सजा की अवधि बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया था.
राजस्थान सरकार ने सलमान को चिंकारा के शिकार मामले में बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ वर्ष 2016 के अक्टूबर में एक विशेष सुनवाई याचिका (एसएलपी) सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी.
18 साल पुराने इस मामले में जब फैसला सुनाया जाएगा, उस समय सलमान खान को अदालत में मौजूद रहना होगा. सलमान और उनके साथ बालीवुड के कुछ अन्य कलाकारों पर 1998 में एक-दो अक्टूबर की मध्य रात्रि को काले हिरण का शिकार करने का आरोप है. कलाकारों का दल वहां फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के लिए गया था.
सलमान पर अवैध हथियार लेकर जाने और उसका इस्तेमाल करने का आरोप है. उस हथियार के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई थी. उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत एक मुकदमा दर्ज किया गया था. राजस्थान हाईकोर्ट सलमान को चिंकारा के शिकार मामले में वर्ष 2016 की जुलाई में बरी कर चुका है.
सलमान ने हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ के समक्ष निचली अदालत के 2006 के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें चिंकारा के शिकार से जुड़े दो मामलों में एक साल और पांच साल कैद की सजा सुनाई गई थी. सलमान के साथ-साथ राज्य सरकार ने भी निचली अदालत के फैसले को विभिन्न आधार पर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
जुलाई में हाईकोर्ट ने सलमान की अपील स्वीकार करते हुए उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था और सजा की अवधि बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया था.
राजस्थान सरकार ने सलमान को चिंकारा के शिकार मामले में बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ वर्ष 2016 के अक्टूबर में एक विशेष सुनवाई याचिका (एसएलपी) सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी.
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