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Wednesday 3 August 2016

डोरेमॉन और शिनचैन से है आपके बच्चों को खतरा !

डोरेमॉन और शिनचैन से है आपके बच्चों को खतरा !


डोरेमॉन और शिनचैन से है आपके बच्चों को खतरा !
Jamshedpur: बच्चों के कार्टून पर बड़ों ने सवाल उठा दिए हैं. टेलीविजन पर लोकप्रिय हो रहे दो किरदार डोरेमॉन और शिन चैन को लेकर सरकार और चैनलों की संस्था से शिकायत की गई है. ग्वालियर के आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी ने कानूनी नोटिस भेजकर इन कार्यक्रमों को बंद करने की मांग की है.
क्यों की गई है शिकायत?
बच्चों को अपनी तरफ खींचने वाले कार्टून डोरेमॉन जो नोबिता की मुसीबत पलभर में सुलझा देता है, शिन चैन जिसकी शरारतों से मां-बाप परेशान रहते हैं. एक्शन और रोमांच से भरपूर इन किरदारों ने बच्चों के टेलीविजन देखने के अंदाज को बदला है. चैनलों और मंत्रालय को भेजे नोटिस में भी कहा गया है कि डोरेमोन कार्यक्रम का पात्र नोबिता माता-पिता की बात नहीं सुनता इससे बच्चों का ध्यान पढ़ाई से दूर हट रहा है. इसी तरह शिन चैन कार्टून का मुख्य पात्र भी अपनी मां का मजाक उड़ाता है.
कौन हैं आशीष चतुर्वेदी?
आशीष चतुर्वेदी वही शख्स हैं जिन्होंने मध्य प्रदेश के कुख्यात व्यापम घोटाले से पर्दा उठाने में अहम भूमिका निभाई थी. साइकिल पर चलने वाले आशीष चतुर्वेदी को पुलिस से सुरक्षा मिली हुई है क्योंकि उन पर चौदह हमले हो चुके हैं.
साढ़े तीन करोड़ बच्चों पर पड़ रहा है असर
आशीष चतुर्वेदी कहते हैं कि व्यापम घोटाला तो दो-तीन राज्यों में फैला था लेकिन हर हफ्ते कार्टून देखने वाले साढ़े तीन करोड़ बच्चों में आधे से ज्यादा डोरेमॉन और शिन  चैन देखते हैं.
आशीष चतुर्वेदी ने इन कार्टूनों के प्रसारण करने वाले डिज़्नी इंडिया, हंगामा टीवी चैनल के अलावा चैनलों को रेग्युलेट करने वाली संस्था आईबीएफ, सूचना प्रसारण मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को कानूनी नोटिस भेजा है.
हंगामा चैनल को भेजा जा चुका है नोटिस
दिल्ली के खेल गांव के पास अंसल प्लाजा में बी ट्रिपल सी का दफ्तर है जहाँ से पता चला कि बी ट्रिपल सी ने हंगामा चैनल को नोटिस भेजा है और कहा है कि वो सिगरेट के दृश्यों को दिखाने से बचें या नीचे संवैधानिक चेतावनी दें.
हंगामा चैनल पर डोरेमॉन सीरियल के प्रसारण के दौरान सिगरेट के छल्ले उड़ाने का एक सीन दिखा था जिसके बाद चैनलों की रेग्युलटेर संस्था आईबीएफ के ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कंप्लेंट काउंसिल या बीसीसीसी ने आपत्ति जताई थी.
बच्चों पर सीरियल का लंबे वक्त तक रहता है असर
बच्चों को बदलते व्यहार को करीब से देखने वाले मनोवैज्ञानिक डॉक्टर जीतेंद्र नागपाल मानते हैं कि बच्चों पर सीरियल का असर लंबे वक्त तक रहता है और बच्चे आक्रामक हो रहे हैं.
मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि माता-पिता के समय की कमी और बच्चों की टीवी पर निर्भरता ने उनमें नकारात्मकता भर दी है. अब  बच्चे जल्दी चिड़चिड़े हो जाते हैं उनमें अकेले रहने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है.
किन देशों में है पाबंदी?
साल 2008 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शिन चिन पर पाबंदी लगाई थी. एक्स रेटेड संवाद की वजह से शिन चेन पर कई देशों में पाबंदी लगाई जा चुकी है.
2013 में बांग्लादेश में डोरेमॉन पर पाबंदी लगाई गई. इसके लिए तर्क दिया गया कि यह पात्र झूठ बोलते हैं. इसके अलावा चीन, अमरीका, मैक्सिको, रूस, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, ब्राजील, अर्जेंटीना, इजरायल जैसे तकरीबन 50 देशों में इस पर पाबंदी लग चुकी है.




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