सलमान, शाहरूख के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता: पुलिस
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने आज अदालत को बताया कि ‘बिग
बॉस 9’ के सेट पर कथित रूप से हिंदू भावनाओं को आहत करने को लेकर अभिनेता
सलमान और शाहरूख खान के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता. पुलिस ने बताया
कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने की कोई मंशा नहीं थी क्योंकि जूते पहनकर
एक मंदिर के सेट में प्रवेश का दृश्य रियेलिटी शो के लिए स्टूडियो में
फिल्माया गया था.
मजिस्ट्रेट वी के गौतम की अदालत में दाखिल कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) में पुलिस ने कहा है कि प्रमोशनल शूट एक धार्मिक स्थल की पवित्रता या धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मकसद से नहीं किया गया था.
‘‘तथ्यों और रिपोर्ट के मद्देनजर कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता. प्रमोशनल शूट किसी व्यक्ति, समूह , समुदाय या समाज के किसी हिस्से या एक धार्मिक स्थल की पवित्रता या धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मकसद से नहीं किया गया था. ’’ रूप नगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ द्वारा अग्रेसित तथा सब इंस्पेक्टर नवीन कुमार द्वारा दाखिल रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ हालांकि अधोहस्ताक्षरित अदालत द्वारा पास किए जाने वाले किसी भी आदेश की अनुपालना के लिए तैयार है .’’ एसीएमएम अवकाश पर थे और लिंक मजिस्ट्रेट जोगिन्दर सिंह ने मामले को जिरह के लिए दो मार्च को सूचीबद्ध कर दिया. अदालत ने इससे पूर्व पुलिस को इन तथ्यों के साथ एटीआर दाखिल करने को कहा था कि अधिवक्ता गौरव गुलाटी द्वारा दाखिल की गयी शिकायत पर क्या कार्रवाई की गयी है .
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि इसी प्रकार की शिकायत मेरठ की अदालत में दाखिल की गयी थी जो इसे पहले ही खारिज कर चुकी है .
पुलिस ने ‘वायकाम 18 ’ के चैनल प्रोड्यूसर के जवाब का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि शाहरूख खान ‘बिग बास 9 ’ के सेट पर आए थे और सलमान खान से मिले थे जिनके साथ उन्होंने बालीवुड फिल्म ‘करण अजरुन’ में काफी समय पहले एक साथ काम किया था. ‘‘वे : अभिनेता : काफी लंबे समय बाद मिले थे तो निदेशक ने सोचा कि उन्हें ‘काली मंदिर’ के सेट पर उसी तरह मिलते हुए दिखाया जाए जैसे वे करण अजरुन फिल्म में काली मंदिर में मिले थे .’’ ‘‘ यह आइडिया किसी धार्मिक समूह की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की मंशा से नहीं था और प्रोमो की शूटिंग एक स्टूडियो में की गयी थी और जो बात कही गयी है वह कभी नहीं हुई .’’ पुलिस ने चैनल के जवाब का हवाला देते हुए यह बात कही.
मजिस्ट्रेट वी के गौतम की अदालत में दाखिल कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) में पुलिस ने कहा है कि प्रमोशनल शूट एक धार्मिक स्थल की पवित्रता या धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मकसद से नहीं किया गया था.
‘‘तथ्यों और रिपोर्ट के मद्देनजर कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता. प्रमोशनल शूट किसी व्यक्ति, समूह , समुदाय या समाज के किसी हिस्से या एक धार्मिक स्थल की पवित्रता या धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मकसद से नहीं किया गया था. ’’ रूप नगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ द्वारा अग्रेसित तथा सब इंस्पेक्टर नवीन कुमार द्वारा दाखिल रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ हालांकि अधोहस्ताक्षरित अदालत द्वारा पास किए जाने वाले किसी भी आदेश की अनुपालना के लिए तैयार है .’’ एसीएमएम अवकाश पर थे और लिंक मजिस्ट्रेट जोगिन्दर सिंह ने मामले को जिरह के लिए दो मार्च को सूचीबद्ध कर दिया. अदालत ने इससे पूर्व पुलिस को इन तथ्यों के साथ एटीआर दाखिल करने को कहा था कि अधिवक्ता गौरव गुलाटी द्वारा दाखिल की गयी शिकायत पर क्या कार्रवाई की गयी है .
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि इसी प्रकार की शिकायत मेरठ की अदालत में दाखिल की गयी थी जो इसे पहले ही खारिज कर चुकी है .
पुलिस ने ‘वायकाम 18 ’ के चैनल प्रोड्यूसर के जवाब का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि शाहरूख खान ‘बिग बास 9 ’ के सेट पर आए थे और सलमान खान से मिले थे जिनके साथ उन्होंने बालीवुड फिल्म ‘करण अजरुन’ में काफी समय पहले एक साथ काम किया था. ‘‘वे : अभिनेता : काफी लंबे समय बाद मिले थे तो निदेशक ने सोचा कि उन्हें ‘काली मंदिर’ के सेट पर उसी तरह मिलते हुए दिखाया जाए जैसे वे करण अजरुन फिल्म में काली मंदिर में मिले थे .’’ ‘‘ यह आइडिया किसी धार्मिक समूह की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की मंशा से नहीं था और प्रोमो की शूटिंग एक स्टूडियो में की गयी थी और जो बात कही गयी है वह कभी नहीं हुई .’’ पुलिस ने चैनल के जवाब का हवाला देते हुए यह बात कही.
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