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Sunday, 17 April 2016

'फैन' का ब्लॉकबस्टर न बनना किसके लिए सबक है?

'फैन' का ब्लॉकबस्टर न बनना किसके लिए सबक है?

'फैन' का ब्लॉकबस्टर न बनना किसके लिए सबक है?
Jamshedpur: फैन की रिकॉर्ड ओपनिंग.. साल की सबसे बड़ी ओपनर फिल्म.. ऐसी सुर्खियों के बीच हकीकत ये है कि शाहरुख की फिल्म ने पहले दिन सिर्फ 20 करोड़ का कारोबार किया और जिस रिकॉर्ड ओपनिंग की बात हो रही है वो अगले दो-तीन महीने में टूट जानी है! साल के तीन महीने ही बीते हैं और इन तीन महीने में सिर्फ अक्षय कुमार की एयरलिफ्ट ही इकलौती बड़ी फिल्म है जिसकी ओपनिंग का रिकॉर्ड शाहरुख ने तोड़ा है.. अब तक नीरजा और एयरलिफ्ट ने ही अच्छा कारोबार ही किया है. इन हालात में ऐसे रिकॉर्ड का बनना कोई मायने नहीं रखता.. हां, पहले दिन की कमाई से ये पता लग रहा है कि यही हाल रहा तो फिल्म 100-125 करोड़ तक सिमट जाएगी.. फिर सवाल ये है कि जिन फैंस ने शाहरुख को 25 साल से ‘बादशाह’ बना रखा है उसी फैंस के नाम पर बनी फिल्म शाहरुख के फैंस प्यार क्यों नहीं बरसा रहे.. 105 करोड़ की लागत से बनी फिल्म को सुपरहिट होने के लिए 200 करोड़ के क्लब में शामिल होना पड़ेगा और मौजूदा ट्वेंटी-20 के दौर में खराब शुरुआत के बाद बड़ा लक्ष्य हासिल करना मुश्किल लग रहा है!
फिल्म एक सुपरस्टार और उसके फैंस के रिश्ते की कहानी है.. दीवानगी कब पागलपन बन जाए और उसका क्या नुकसान उठाना पड़ता है यही फिल्म में दिखाया गया है.. तो क्या शाहरुख के फैंस भी दीवानगी की हद को पार कर चुके हैं जिसकी वजह से फिल्म पसंद नहीं आ रही है और कोई रिकॉर्ड टूट नहीं रहा.. क्योंकि पिछले साल रिलीज दिलवाले से भी खराब ओपनिंग फैन की रही.. दिलवाले ने 21 करोड़ पहले दिन कमाए थे जबकि चार महीने बाद फैन 20 करोड़ पर ही अटक गई… रिकॉर्ड तो हैप्पी न्यू ईयर का है जिसने पहले दिन ही 45 करोड़ कमा लिए थे ! तो क्या शाहरुख के फैंस उन्हें पर्दे पर सुपरस्टार नहीं बल्कि वैसे ‘चोर’ की भूमिका में ही चाहते हैं जो पिता की मौत का बदला ले, हिरोइन के साथ 5-7 गाने गए, विदेश में देशभक्ति का जज्बा जगाए और आखिर में सबकुछ अच्छा हो जाए!
पिछले तीन साल में शाहरुख ने दिलवाले, चेन्नई एक्सप्रेस और हैप्पी न्यू ईयर जैसे बेसिरपैर की फिल्में की हैं.. इन फिल्मों ने 150-200 करोड़ का कारोबार करके शाहरुख के खजाने को तो भरा है लेकिन अभिनय के प्लेटफॉर्म पर शाहरुख कुछ नया हासिल नहीं कर सके.. ऐसे वक्त में जब आमिर और सलमान जैसे सितारे अभिनय को लेकर संजीदा हैं और अलग-अलग रोल निभाने के लिए जीतोड़ कोशिश में जुटे हैं तो शाहरुख ने भी ट्रैक बदलने की कोशिश की है. बेसिरपैर की कहानी, 6-7 गाने और उटपटांग एक्शन की रेसिपी को छोड़ने का रिस्क शाहरुख ने शायद मजबूरी में उठाया है.. लेकिन मुश्किल ये है कि जब दर्शक की आदत मसाला एंटरटेनमेंट देखने की हो तो ज्ञान का डोज अचानक पड़ना सदमे जैसा ही होता है.. अब ये लत शाहरुख ने लगाई है तो इतनी जल्दी तो जाने वाली नहीं है.. इसलिए फैंन के लिए फैंस को तो दोष नहीं दिया जा सकता है.
शाहरुख के ये वही फैंस हैं जिन्होंने रा-वन जैसे हादसे को भी ‘तबाह’ नहीं होने दिया था और फिल्म पांच साल पहले भी 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई थी.. ऐसा नहीं है कि बीते पांच सालों में शाहरुख के फैंस का मोहभंग हुआ है.. शाहरुख ने जो बनाया फैंस वो देखते गए.. दिलवाले को लेकर इतना कुछ कहा गया फिल्म तब भी 150 करोड़ तक पहुंच गई.. ‘जब तक है जान’ की बुराई हुई फिल्म तब भी 100 करोड़ के क्लब में थी.. छह साल पहले माई नेम इज खान में शाहरुख ने अभिनय के नजरिये से कुछ अलग करने की कोशिश की थी और उसके पहले शायद एक्टिंग के लिए चक दे इंडिया को याद किया जाए. लेकिन इन सबके बीच पिछले दस साल में लगभग हर साल शाहरुख की फिल्म रिलीज हुई और सुपरहिट ही रही.. कुल जमा तस्वीर ये है कि शाहरुख फ्लॉप की बाउंड्रीलाइन को कभी पार नहीं करते भले फिल्म बुरी कही जाए.. तो क्या शाहरुख से अब उम्मीद ही यही की जा रही है कि तेज रफ्तार गाड़ी से वो सरिया फेंक कर जीप पलट देंगे या गोल घूमती कार से हिरोइन को बचा लेंगे.. प्रचार के उन्माद मे 200 करोड़ कमा लेंगे और फिर अगली फिल्म में जुट जाएंगे..  ‘फैन’ इस मामले में अलग हो गई कि ना तो इसमें बेसिरपैर का एक्शन है और न ही हिरोइन और नाच-गाना.. शाहरुख फिल्म को लेकर इतने आश्वस्त रहे कि प्रचार का शोर भी नहीं हुआ और फिल्म पर्दे पर आ गई..
फिल्म के दौरान थियेटर के फैंस इसी उधेड़बुन में रहे कि अपने सुपरस्टार को देखकर ताली बजाएं या फिर उनके पागल फैन की हरकत पर खुश हो जाएं.. फिल्म के टीजर में जो दीवानगी दिखी थी, ट्रेलर में वो पागलपन में बदल चुका था. यानी शाहरुख एक्शन अवतार में आ गए थे.. एक नहीं दोनों शाहरुख.. अब जो ट्रेलर में दिखा वैसा थ्रिलर तो रचा नहीं गया.. नतीजा ये हुआ कि डॉन-2 के पांच साल बाद एक्शन कर रहे शाहरुख को दर्शक हाथों हाथ नहीं ले पाए.. 50 साल के शाहरुख ने 25 साल बॉलीवुड को दिए और इतने सालों में पहली बार खुद को फैन की नजर से देखने की कोशिश की है.. फैन से उनका रिश्ता किसी एक फिल्म का मोहताज नहीं है, और ना ही शाहरुख के फैंस की दीवानगी पागलपन की हद तक जा चुकी है जो उनके किसी बयान पर, किसी हरकत पर उनके खिलाफ हो जाए.. इसलिए सही मायने में शाहरुख का रियल फैन उनके पर्दे वाले ‘फैन’ से अलग है.. अब तय शाहरुख को करना है कि अपने फैंस के लिए वो क्या बनाएं जो उन्हें सफलता के शिखर पर बरकरार रखे क्योंकि हकीकत भी यही है कि ‘गौरव है तो आर्यन है, गौरव नहीं तो आर्यन कुछ भी नहीं’

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